# वह आत्मा जो शरीर की दस इंद्रियों के घोड़ों से सुशोभित रथ पर बैठकर मन की लगाम को अपनेे सार्थी बुद्धि के द्वारा संचालित करता है, स्वामी होता हैै, अध्यात्मिक गुरु कहलाता है।*
# ऐसे कानून जिनसे अपराध के अनुपात में अपराधी को दंड न मिले और निरापराधी भय मुक्त न हो, सरकार के द्वारा ऐसे कानूनों का अविलम्ब सुधार करना चाहिए।* चेतन कौशल "नूरपुरी"
# हीरा हमेशा हीरा ही रहता है, भले ही वह कोयले में गिर जाए या उस पर कोयला, उसकी आभा कभी कम नहीं होती है। इसी तरह श्रेष्ठ लोग, श्रेष्ठ ही रहते हैं, उन पर बुरे लोगों की किसी भी बुराई का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। *