महान् विशाल और अच्छी तरह मजबूती से खड़े हुए अकेले वृक्ष को भी वायु अपने वेग से उखाड़ देती है। इसी प्रकार ताकतवर व्यक्ति भी अकेला हो तो उसे कोई भी हरा सकता है अर्थात संगठित रहने पर ही अजेय शक्ति प्राप्त होती है।
वोट डालकर जनता को पतंग रूपी राजनीति की डोर उन लोगों केे हाथ सौंप देनी चाहिए जो जन हित और राष्ट्र हित का कार्य करने में पूर्ण रूप से सक्षम और समर्थ हैं। वे लोग जन हित और राष्ट्र हित का कार्य क्या करेंगे जो अहंकार में डूबे हुए हैं और जिन्हें निजहित के अतिरिक्त कुछ और नजर ही नहीं आता है।
माता-पिता और गुरु के जीवन की सार्थकता इसी में निहित है कि वे बच्चों को, सृष्टि में आने का उद्देश्य और उसका महत्व समझाएं अन्यथा उनका जीवन यो ही व्यर्थ चला जाएगा।