19. फ़रवरी 2016 महर्षि अरविंद विचारकों के कथन :-अध्यापक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं। वे संस्कारों की जड़ों में खाद देते हैं और अपने श्रम से उन्हें सींच-सींच कर महाप्राण शक्तियां बनाते है।- महर्षि अरविंद
19. फ़रवरी 2016 स्वामी रामतीर्थ विचारकों के कथन :-जंजीरें, जंजीरें ही होती हैं, चाहे वे लोहे की हों या सोने की, वे समान रूप से तुम्हें गुलाम बनाती हैं।- स्वामी रामतीर्थ
19. फ़रवरी 2016 मुंशी प्रेमचंद विचारकों के कथन :-क्रिया के पश्चात प्रतिक्रिया नैसर्गिक नियम है।- मुंशी प्रेमचंद
19. फ़रवरी 2016 डा0 शंकरदयाल शर्मा विचारकों के कथन :-सहिष्णुता और समझदारी संसदीय लोकतंत्र के लिए उतने हीआवश्यक हैं, जितने संतुलन और मर्यादित चेतना।- डा0 शंकरदयाल शर्मा
19. फ़रवरी 2016 स्वामी विवेकानन्द विचारकों के कथन :-जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए, नही तो लोगों का विश्वास उठ जाएगा।- स्वामी विवेकानन्द