मानवता सेवा की गतिविधियाँ

श्रेणी: चेतन आत्मोवाच (page 13 of 16)

सर्वोत्तम वरदान

अनमोल वचन :-# अच्छा स्वास्थ्य एवंम अच्छी समझ जीवन में दो सर्वोत्तम वरदान है l *
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ठोकर

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चेतन आत्मोवाच 20 :-

ठोकर बड़ी होती है, बड़ा तू नहीं इंसान l
जब तुझको ठोकर लगी , तब होश आई है इन्सान ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

धीरे-धीरे

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चेतन आत्मोवाच 19 :-

खाना है तो ठंडा करके होंठ नाजुक जलते हैं l
काम अच्छा होता धीरे-धीरे, मनः शहद के भी छत्ते भरते हैं ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

जगत की रीत

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चेतन आत्मोवाच 18 :-

पैदा हुआ सो मिट जायेगा, है यही जगत को रीत l
झूठी है हर वस्तु यहाँ, मनः ज्यादा न बढ़ा प्रीत ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

घर

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चेतन आत्मोवाच 17 :-

ओह ! चेहरा भीग गया है, क्यों आंसू गिराती हैं आँखें l
यहाँ घर अपना नहीं है किसीका, मनः तू भर न यों ही आहें ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"




मुसीबत

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चेतन आत्मोवाच 16 :-

मुसीबत की कोई मजाल नहीं, शक्ति तो तेरी भुजाओं में है l
चाहे तो उनका मुकाबला कर, मनः हिम्मत तो तेरे दिल में है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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