28. नवम्बर 2024 / 0 Comments समय बहता जल चेतन आत्मोवाच 15 :-समय बहता जल है, बहता ही जाता है lराही बढ़ता चल कठिनाई में, मनः बहता जाता गाता है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
28. नवम्बर 2024 / 0 Comments जान सके तो चेतन आत्मोवाच 14 :-जान सके तो खुद को जान, मोह बंधन दे तू तोड़ lतुझे प्रेम बंधन बांध लेगा, मनः मायावी घडा दे तू फोड़ ll चेतन कौशल "नूरपुरी"
28. नवम्बर 2024 / 0 Comments दुःख-सुख चेतन आत्मोवाच 13 :-सुगम होती दुर्गम राह, तू राही क्यों घबराता है l दुःख-सुख हैं दोनों साथी, मनः दुःख ही सुख दिखलाता है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
27. नवम्बर 2024 / 0 Comments बोल सके तो चेतन आत्मोवाच 11 :-बोल सके तो बोल तू, ज्यों टहनी से फूल झड़े l वचन बड़े कीमती हैं, मनः बिल बोलना संभल के llचेतन कौशल "नूरपुरी"
27. नवम्बर 2024 / 0 Comments कड़वी बात चेतन आत्मोवाच 12 :-फूल मुरझा जाते हैं, सदा कलि भी कलि रहती नहीं l घाव भर जाते हैं, पर मनः बात कड़वी मिटती नहीं llचेतन कौशल "नूरपुरी"