4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments मिट्टी का खिलौना चेतन आत्मोवाच 30 :-मिट्टी का खिलौना है तू, पर ये तो भूल गया है lहड्डी, लकड़ी, कोयला यहाँ, मनः सब धूल बन गया है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments इन्सान था चेतन आत्मोवाच 29 :-इंसान था मगर तूने खुद से खुद बैर किया है lखुदा तो खुद बन बैठा है, मनः खुद को तूने भुला दिया है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments प्रार्थना-भजन चेतन आत्मोवाच 28 :-प्रार्थना, भजन होता है मन से, मन मंदिर के बंद किवाड़ खोल lस्पीकर, बाजे, चिमटे छैनें फैंक परे, मनः तू देवालय में उच्च न बोल llचेतन कौशल "नूरपुरी"
4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments दुखिया चेतन आत्मोवाच 27 :-दुखिया को दुःख न दे, वह तो दुःख का मारा है lमरे को मारना भला क्या ? मनः उसका नहीं कोई सहारा है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments न कर साथ चेतन आत्मोवाच 26 :-झूठ, चोरी, चुगली का तू कभी न करना साथ lउच्च जीवन नहीं बनता इनसे, मनः पीछे न मलना हाथ llचेतन कौशल "नूरपुरी"