अनमोल वचन :-# अच्छा स्वास्थ्य एवंम अच्छी समझ जीवन में दो सर्वोत्तम वरदान है l *
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श्रेणी: स्व रचित रचनाएँ (page 52 of 67)
दैनिक अमर उजाला में प्रकाशित 24 फरवरी 2008 का समाचार। संयुक्त राष्ट्र ने चेताया – ”विलुप्त होने के कगार पर हैं दुनियां की हजारों भाषाएं। संयुक्त राष्ट्र ने बर्ष 2008 को अंतरराष्ट्रीय भाषा घोषित किया है। 96 फीसदी भाषाएं केवल चार फीसदी लोगों के द्वारा बोली जाती हैं।“ समाचार के अनुसार – ”अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की शुरुआत बर्ष 2000 में हुई थी। 2008 को अन्तरराष्ट्रीय भाषा का बर्ष घोषित करने का उद्देश्य विश्व के बहुभाषी रूप को सहेजना है।“ युनेस्को ने चेेेेताया है – ”जब किसी भाषा का लोप होता है तो मात्र एक भाषा का नहीं बल्कि अवसरों, परंपराओं, यादों, सोचने और अभिव्यक्त करने के जरियों का लोप होता है जबकि बेहतर भविष्य के लिए इनकी बेहद जरूरत होेेती है।“
मई 2008
अक्सर दूसरों को हम साफ-सफाई का उपदेश देते हैं पर स्वयं उस पर कम अमल करते हैं। अपना घर साफ-सुथरा रखकर घर का सारा कूड़ा-कचरा ऐसी जगह फैंक देते हैं जो सार्वजनिक होती हैं। इसी तरह मनुष्य किसी पेयजल स्रोत या देवालय को दूषित करने से भी नहीं हिचकचाता है। देखने में आता है कि जहां से लोगों को पेयजल की आपूर्ति की जाती है उस जगह गंदगी फैली रहती है। ऐसे में गंदा व दूषित पानी पीने से बीमारियों फैलने का खतरा बना रहता है।
सुल्याली गांव में स्थित डिब्केश्वर महादेव मंदिर के साथ लगता कंगर नाला पर बने प्राकृतिक जल स्रोत के चारों ओर गंदगी का साम्राजय है। जहां से पाईप द्वारा पेयजल का पास ही में जल भण्डारण किया जाता है। वह कंगर नाला का एक छोर है जब कि जल वितरण व्यवस्था के लिए दूसरी ओर जल भण्डारण किया जाता है। यह जल न केवल सुल्याली गांव की जल आपूर्ति करता है बल्कि उसके आस-पास के कई क्षेत्रों जैसे नेरा, लुहारपूरा, बारड़ी, बलारा, हटली, सोहड़ा, देव-भराड़ी आदि को भी जल उपलब्ध करवाता है। दुखद है कि कंगर नाला में स्थानीय लोग खुला शौच करते हैं जिससे कंगर नाला में स्थित पेयजल भण्डार की शुद्धता और डिब्बकेश्वर महादेव मंदिर की पवित्रता अनवरत नष्ट हो रही है। हिमाचल सरकार द्वारा राज्य के हर गांव में निर्धन परिवारों का ध्यान रखकर एक-एक शौचालय बनवाने में आर्थिक सहायता दी जाती है और बनवाए भी हैं फिर भी न जाने क्यों? लोग खुला शौच करना ज्यादा पसंद करते हैं।
सुल्याली गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर बने कंगर नाला पुल से नीचे पेय जलस्रोत तक हमें ऐसी ही गंदगी देखने को मिल जाएगी जो जल प्रदूषण के साथ-साथ डिब्बकेश्वर महादेव मंदिर के लिए शुभ संकेत नहीं है।
आज डिब्बकेश्वर मंदिर एक दर्शनीय मंदिर परिसर बन चुका है। यहां दूर-दूर से लोग दर्शन हेतु आते हैं और धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। अगर समाज के जागरूक स्थानीय लोग इस ओर ध्यान दें, इसे रोकने का प्रयत्न करें तो तभी पेयजल स्रोत साफ-सुथरे रह सकते हैं।
16 मार्च 2008 दैनिक जागरण
29 फरवरी 2008 दैनिक जागरण
पशु धन से हो श्रृंगार घरघर का
पौष्टिकता से लहलहाएं सब खेत देश के
दूध दही घी से बलवान बने हर बच्चा घरघर का
तेजस्वी कहलाएं नौजवान देश के
घरघर पहुंचे फिर ऐसी शिक्षा
मांगे न कोई किसी से भिक्षा
हर हाथ रोजगाार दिलाए शिक्षा
बयार तो कोई लाल लाए शिक्षा
खुद समझे जो औरों को समझाए
सत्यअसत्य में भेद कर पाएं
ऐसे फिर किसी से न हो नादानी
कहना पड़े कि फुलफल रही बेईमानी
गुणों ही की अब आगे हो पूजा
मन कर्म वचन से न कोई कार्य हो दूजा
चापलूसों के सिर पर बरसें डंडे
पगपग अरमान भ्रष्टाचारी पड़ें ठंडे
देश विदेश में जनजन को पड़े कहना
बल बुद्धि विद्या और गुण भारत का है गहना
चेतन कौशल "नूरपुरी"
19 फरवरी 2008 दैनिक जागरण
जो थे पहले हम कभी हैं आज
और रहेंगे कल भी
हमनें फिर दुनियां का संशय मिटाना है
लौह पुरुष बन दिखाना है
गर भारत की ओर कोई अंगुली उठे
उसे तुरन्त काट गिराना है
हमनें फिर दुनियां का संशय मिटाना है
जो थे पहले हम कभी हैं आज
और रहेंगे कल भी
कर्मशील रह कर हम निर्धनता मिटाने वाले
संस्कारवान हो कर मानवता दिखाने वाले
चरित्रवान बन कर हमने दुखियों का संताप मिटाना है
हमनें फिर दुनियां का संशय मिटाना है
जो थे पहले हम कभी हैं आज
और रहेंगे कल भी
चेतन कौशल "नूरपुरी"
फरवरी 2008 मातृवंदना
सेवा करना धर्म हमारा, सेवा करते जाएंगे,
दुःख-सुःख हैं हमारे साथी, हंस-हंस सहते जाएंगे,
हम संघर्ष करने वाले, रहते नहीं कभी संकल्पहीन,
बनाएंगे माँ तुझको हम जग में, अद्वितीय ओजस्विन,
तेरा पुनः हो आकर्षण असीम प्रतीक,
गए वापिस आएंगे, समझ निज प्यारा नीड़ मणिक,
हम सब मिलकर गीत खुशी के गाएंगे,
सेवा करना धर्म हमारा, सेवा करते जाएंगे,
धरती माँ हमारी, तू सब सुखदायनी है,
शीश पुष्प चरणार्पित करना हमनें ठानी है,
जहां गोदी में तेरी अगनित फूल खिले,
वहां महकें फुल बन हम भी, हमारा प्रण पले,
हम मिलकर अगनित पुष्प, नई सुषमा लाएंगे,
सेवा करना धर्म हमारा, सेवा करते जाएंगे,
चेतन कौशल "नूरपुरी"