10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments आशाओं का अँधेरा चेतन आत्मोवाच 50 :-आशाओं के घोर अँधेरे में, क्यों खो गया तेरा जीवन है ?तालाश खुद की खुद कर, मनः नाहक बना क्यों दीन-हीन है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments विपदा चेतन आत्मोवाच 49 :-मुसीबत आ गई तो आने दे विपदा नहीं है कोई खास lनरमी-गर्मी का मौसम है, मनः तू हुआ है क्यों उदास llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments सम्मान भावना चेतन आत्मोवाच 48 :-लुटाया था अपना आप उसने तो तू उन्हें पूज रहा lक्यों पूजेगा, कौन तुझे ? मनः तू तो सबको लूट रहा llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments खुद को ढाल चेतन आत्मोवाच 47:-सुहागा सत्य है, आग अहिंसा, सोना शरीर तपा ले lसांचे में खुद को ढाल, मनः मानव जीवन संवार ले llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments हृदय की बात चेतन आत्मोवाच 46 :-सुन बात दूसरों की, कर ले भली प्रकार विचार l हृदय की बात पत्थर की लकीर, मनः कर तुरंत व्यवहार llचेतन कौशल "नूरपुरी"