10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments आशाओं का अँधेरा चेतन आत्मोवाच 50 :-आशाओं के घोर अँधेरे में, क्यों खो गया तेरा जीवन है ?तालाश खुद की खुद कर, मनः नाहक बना क्यों दीन-हीन है llचेतन कौशल "नूरपुरी"