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चेतन आत्मोवाच 80 :-

इन्सान बना वही, लिया जिसने खुद को पहचान L
फूंक-फूंककर हर कदम चले, मनः दाग से बचे चरित्रवान LL


चेतन कौशल "नूरपुरी"