4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments घृणा चेतन आत्मोवाच 31 :-कर घृणा नीच विचारों से, मगर इन्सान से नहीं lकरके घृणा इन्सान से, मनः पा सकता तू भगवान नहीं llचेतन कौशल "नूरपुरी"