19. फ़रवरी 2016 डा0 शंकरदयाल शर्मा विचारकों के कथन :-सहिष्णुता और समझदारी संसदीय लोकतंत्र के लिए उतने हीआवश्यक हैं, जितने संतुलन और मर्यादित चेतना।- डा0 शंकरदयाल शर्मा