11. दिसम्बर 2024 / 0 Comments परिश्रम बिना चेतन आत्मोवाच 67 :-खोज जिसे होती है, मंजिल पा ही लेता है lपरिश्रम बिना जो ढूंढता है, मनः जीवन नष्ट कर लेता है llचेतन कौशल "नूरपुरी"