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पर्यावरण चेतना  – 6 

अगर विश्व में कहीं प्राकृतिक संकट पैदा होता है तो मनुष्य द्वारा साहस के साथ उसका सामना किया जा सकता है परन्तु मनुष्य ही कोई भयानक संकट पैदा कर ले तो उसका सामना कौन और कैसे करे ? है ना समस्या गंभीर ! 

खुशनशीब है जम्मू क्षेत्र जो किसी प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित है पर वह बड़ा बदनशीब है, स्थानीय लोगों के द्वारा वह स्वयं ही पैदा किए हुए संकट से संकट ग्रस्त है l भौतिकवाद की अंधी दौड़ में स्थानीय लोग पालीथीन लिफ़ाफों, प्लास्टिक बोतलों व नायलन और रबड़ की बनी जीवनोपयोगी वस्तुओं का तो धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं पर अनुपयोगी हो जाने पर वह उनका उचित विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं ताकि उन्हें तुरंत किसी अन्य उत्पाद में परिणत किया जा सके l

जम्मू क्षेत्र में पालीथिन लिफाफों का प्रचलन इस हद तक बढ़ गया है कि उन्हें अब हर घर की नाली में और आस - पास के छोटे - बड़े नालों के किनारों पर पड़े देखा जाने लगा है l लोगों को उनमें बाजार से किसी भी समय घरेलू सामान की खरीददारी करते हुए और उसे घर ले जाते हुए देखा जा सकता है l ऐसा करना उन्हें जाने क्यों अच्छा लगता है ! वे यह तो भली प्रकार जानते हैं कि उनके द्वारा उन्हें नाली में या सड़क पर फैंकने से कितने भयानक दुष्परिणाम निकलते हैं ?

वर्तमानकाल में जम्मु क्षेत्र के किसी मुहल्ले या कालोनी की कोई नाली, सड़क या नालों के किनारों पर फैले गंदगी युक्त पालीथीन लिफाफों, प्लास्टिक बोतलों और दुर्गन्ध युक्त कूड़ा-कचरा के अम्बार राह में चलते हुए और जाने - अनजाने उन लोगों के लिए  संकट बने हुए हैं जो पास ही के मार्ग से निकलते हैं l उन्हें साँस तक लेना दूभर हो जाता है l

शुद्ध वायु के शुद्ध वातावरण में जीना व रहना हर कोई चाहता है पर वैसा वातावरण बनाये रखना भी हमारा अपना ही कार्य है l अगर हम यह कार्य स्वयं नहीं करेंगे तो और कौन करेगा ?

समस्त मानव जाति का मात्र एक सफाई कर्मचारी वर्ग पर पूर्ण आश्रित हो जाने से तो काम नहीं चलेगा l उसके कार्य में हम सबको मिलकर सहयोग करना होगा l क्षेत्र को हरा-भरा और प्रदूषण व रोग मुक्त बनाये रखने हेतु जरूरी है स्थानीय लोगों द्वारा विभिन्न मुहल्लों में संबंधित समितियों का गठन किया जाना जो गंदगी फ़ैलाने वालों पर कड़ी नजर रखेंगी l वह हर घर से निकलने वाले अनुपयोगी घरेलू सामान व कूड़ा-कचरा की उचित निकासी, पौध-रोपण और सफाई के लिए लोगों का सही मार्ग दर्शन करेंगी l

राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपने पड़ोसी राज्य सरकारों की भांति जम्मू-कश्मीर राज्य में भी पालीथीन लिफाफों के उत्पाद पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दे, उसके स्थान पर किसी अन्य उत्पाद के निकालने हेतु प्रोत्साहन दे और अधिक से अधिक पौध-रोपण करवाए l वह अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे ताकि राज्य में व्याप्त पालीथिन का साम्राज्य समाप्त हो सके l

इस प्रकार जम्मू-कश्मीर राज्य एक स्वच्छ और सुंदर राज्य बन सकता है l उसके आकर्षण से आकर्षित होकर दुनियां का कोई भी पर्यटक वर्ग ख़ुशी से उसकी ओर अधिक से अधिक की संख्या में ,आएगा और उसकी वादियों का मनचाहा आनंद भी ले सकेगा l

29 जून 2008 दैनिक कश्मीर टाइम्स