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चेतन आत्मोवाच 28 :-

प्रार्थना, भजन होता है मन से, मन मंदिर के बंद किवाड़ खोल l
स्पीकर, बाजे, चिमटे छैनें फैंक परे, मनः तू देवालय में उच्च न बोल ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"