12. दिसम्बर 2024 / 0 Comments मानसिक विकार चेतन आत्मोवाच 77 :-काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, अहंकार हैं सब नर्क के द्वार lइधर कहते हैं संत प्यारे, मनः उधर बताते हैं गुरुद्वार llचेतन कौशल "नूरपुरी"