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चेतन विचार :-

# जो संतान अपने माता पिता की सेवा करती है, उसे किसी तीर्थ यात्रा पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं, वह घर स्वयं तीर्थ बन जाता है, जहां उनकी सेवा होती है।*
चेतन कौशल "नूरपुरी"