चेतन विचार :
# अगर आप के सम्मुख मेज पर एक जग रखा हो और मै चिला-चिला कर कहूँ कि मेज पर जग नहीं, गिलास है तो क्या कोई मेरी बात पर विश्वास करेगा? सरकार, शिक्षा विभाग,शिक्षक वर्ग, परिवार और समाज यह क्यों नहीं समझते कि जिस बालक-बालिका में एक सफल चित्रकार बनने की जन्म से ही प्रतिभा विद्यमान है, उसे मात्र चित्रकला का ही शिक्षण-प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, उसके स्थान पर किसी अन्य विषय का नहीं। इस प्रकार अन्य प्रतिभाओं का चयन करके उन्हें उनके अनुकूूल शिक्षण-प्रशिक्षण दिया जा सकता है।*
चेतन कौशल "नूरपुरी"