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कश्मीर टाइम्स 22 नवम्बर 2009 

मेहनती पिसे चक्की,
चापलूस मारे फक्के,
राज करे महामूर्ख,
ज्ञानी खाए धक्के
अत्याचार शोषण के साए में,
जनहित दीखता है कहां?
भय अन्याय के साम्राज्य में,
जानमाल सुरक्षित होता है कहां?


चेतन कौशल "नूरपुरी"