सामाजिक चेतना – 13



वैश्विक कोविड-19 संक्रमण का प्रादुर्भाव कब और कहाँ हुआ ? यह महत्व पूर्ण नहीं है l इसे नियंत्रित कैसे किया जा सकता है ? यह ज्यादा महत्वपूर्ण है l जब से भारत कोविड-19 संक्रमण की पाश से बंधा है तब से भारत सरकार देशवासियों को अविलम्ब जागरूक कर रही है और उसके द्वारा इस भयानक रोग से लोगों के लिए बचाव के निरंतर प्रयास जारी हैं l
- अपने-अपने घर की छतों पर थालियाँ बजाओ, दीप जलाओ जिससे चिकित्सा कार्य में लगे डाक्टर/नर्सों को अहसास हो कि वे ही इस बचाव कार्य में अकेले नहीं हैं, देश की 130 करोड़ की जनता भी उनके साथ है l
- सभी जन अपने-अपने घर में रहो, सुरक्षित रहो l
- आप अपने घरों में रहो और घर का ही बना खाना खाओ l
- पुनः उपयोग होने वाला, घर का बना फेस कवर/मास्क पहनो l
- सार्वजनिक स्थलों पर सदा दूसरों से 2 गज (6 फुट) की दूरी बनाकर रखें l
- सार्वजनिक व अधिक भीड़–भाड़ वाले स्थलों पर जब आप दूसरों से सुरक्षित दूरी बनाकर न रख सकें, तो अपना मुंह और नाक फेस मास्क से ढक लें l
- खांसते और छींकते समय मुंह को कोहनी या टिशु से ढक लें l
- अपने हाथ साबुन और पानी से नियमित तौर पर बार-बार अच्छी तरह धोयें l घर पर उन जगहों को कीटाणु रहित रखें जहाँ अक्सर आपके हाथ लगते रहते हैं l
- घर से बाहर सार्वजनिक स्थलों पर कभी अपनी आँखें, नाक और मुंह न छुएं l
- दस वर्ष से कम आयु वाले बच्चे और 65 वर्ष से अधिक आयु वाले वृद्ध अनावश्यक घर से बाहर न निकलें l बाहर कोविड -19 संक्रमण महामारी है, घर में नहीं l
- बदलकर अपना व्यवहार, करो सदा कोरोना पर वार l
- घर पर रहने के बारे में अपनी स्थानीय सरकार के निर्देशों का सदैव पालन करें l
- इसमें कोई दो राय नहीं कि निजी रक्षा–सुरक्षा के उपायों का पालन करके ही हम, आप, सब कोविड -19 के संक्रमण से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं l
सरकार का मानना है कि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि पर्यावरण में होने वाले किसी बदलाव का असर कोरोना के संक्रमण पर पड़ता है या नहीं l दुनियां भर के विज्ञानिकों के द्वारा कोरोना के संक्रमण पर शोध कार्य अभी जारी है l लोकतंत्र की सफलता सरकार की जनहित नीतियों के प्रति देशवासियों के द्वारा अमुक प्रतिशत में मिलने वाले समर्थन से आंकी जा सकती है l देशभर में लाक डाउन लगने के पश्चात् देश की सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं का मात्र एक ही उद्देश्य रहा है कि लाक डाउन में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, भूखा न सोये l
इस कार्य में फेसबुक व सोशल मिडिया भी पीछे नहीं रहा l देश का युवा वर्ग जो कल तक प्यार मुहबत में डूबा था, की अचानक सोच बदल गई और उसने सोशल मिडिया को ही समाज सेवा का माध्यम बना लिया l देखते ही देखते सोशल मिडिया पर देशभर के कई समाज सेवी ग्रुप उभर आये और वे समाज सेवा कार्य में सक्रिय हो गए l
इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा, गाँव सुल्याली का युवा वर्ग भी पीछे नहीं रहा l उसे सोशल मिडिया में देश की सक्रिय “युवा शक्ति” से प्रेरणा मिली कि सुल्याली गाँव व उसके आस-पास के क्षेत्रों में भी जिनमें कुछ दैनिक कमाने वाले परिवारों की हालत बड़ी दयनीय है, उनके लिए कुछ किया जाये l एक तरफ लाक डाउन से सब बंद पड़ा है और दूसरी ओर उन निर्धन परिवारों के लिए मुसीबतों का पहाड़ खड़ा है l उनके पास आवश्यक खान-पान का सामान भी उपलब्ध नहीं है l वे बाजार से खाद्य पदार्थ खरीदने में असमर्थ हैं l
अल्प समय में सुल्याली गाँव के युवाओं ने सोशल मिडिया के अंतर्गत फेसबुक पर “सुल्याली विकास मंच” के नाम से एक ग्रुप बनाया और अपनी इच्छा से गाँव के धनाड्डय व समर्थवान परिवारों से धन-राशि और आवश्यक खाद्द्य पदार्थ एकत्रित किये l उन्होंने लाक डाउन में बड़े साहस के साथ सुल्याली गाँव व उसके आस-पास के क्षेत्रों में 40 से अधिक निर्धन परिवारों में उस धन-राशि और खाद्द्य पदार्थों का वितरण किया जो निर्धन परिवार बे-वशी से जूझ रहे थे और काफी हद तक खाद्द्य पदार्थ जुटा पाने में भी असमर्थ थे l
प्रकाशित नवंबर 2020 मातृवंदना