10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments विकारी मन चेतन आत्मोवाच 61 :-विकारी कमजोर मन कभी सुमिरन काम न कर पाए lरंग बदले गिरगिट सम, मनः रंग एक आये, एक जाये llचेतन कौशल "नूरपुरी"