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चेतन आत्मोवाच 61 :-

विकारी कमजोर मन कभी सुमिरन काम न कर पाए l
रंग बदले गिरगिट सम, मनः रंग एक आये, एक जाये ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"