12. दिसम्बर 2024 / 0 Comments सहारा चेतन आत्मोवाच 74 :-सहारा होता है जो बेसहारों का, वह दर्द हर लेता है lजहर नदी, नाले, झरनों का, मनः शांत समुद्र पी लेता है llचेतन कौशल "नूरपुरी"