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22 फरवरी 2009 कश्मीर टाइम्स

न्याय प्रेमी, शांति के पुजारी प्यारे देश,
हिम-किरीट स्वामी, जग से न्यारे देश,
खड़ा अज्ञानी सीमा पर, कर रहा तन छारछार है,
समझने पर टलता नहीं, कर रहा वार पर वार है,
मार्ग दिखा कोई, राह पर लाना है उसे
या मशाल लगा ध्वस्त करना है उसे?
आदेश दे कोई, हम मिटाएँ तेरे घावों का क्लेश,
न्याय प्रेमी, शांति के पुजारी प्यारे देश,
निष्कपट, दयालु विशाल हृदय में बनें पंचशील जब,
सुना, विचारा विश्व ने, था कहां? वह बहरा अल्पज्ञ तब,
चाहते हैं उसको गले लगाना, विचारें हम ऐसा करें!
शहीद हुए शूरवीर तेरे हित, कार्य कुछ ऐसा करें!
तन, मन, धन वार प्रिय जनहित, काम करना है स्वदेश,
न्याय प्रेमी, शांति के पुजारी प्यारे देश,


चेतन कौशल "नूरपुरी"