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विचारकों के कथन :-

मेेरी आंख उस दिन को देखने के लिए तरस रही है, जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक सब भारतीय एक भाषा बोलने और समझने लग जांएगे।
- स्वामी दयानन्द सरस्वती