मातृवन्दना अगस्त 2007
जय राष्ट्रीय निशान
रहे सदा तेरी पहचान
केसरिया वीरता उत्साह त्याग का सूचक
आन शान मान का पूजक
नहीं था तू अनादर करने के योग्य
जलते देखते हैं यहां वहां हमारे प्राण
जय राष्ट्रीय निशान
श्वेत सत्य पवित्रता शांति का प्रतीक
नहीं है आज यहां सब दिखता ठीक
गए कहां गुरु देते थे जो हमें सीख
कर्तव्य अपना भूल गए होता नहीं भान
जय राष्ट्रीय निशान
हरा श्रद्धा विश्वास वैभव का द्योतक
तू तो था दुखसुख का बोधक
ह्रास त्रास दिखता यहां वहां अत्याचार
अनाचार नहीं करना था परहित परत्राण
जय राष्ट्रीय निशान
काली छाया ने आ ढक लिया है
तुझे सहने हर संताप दिया है
फड़कती हैं भुजाएं हमारीे टकराने को
देकर भी शीश तेरा करेंगे त्राण
जय राष्ट्रीय निशान
चेतन कौशल "नूरपुरी"