दुनियां से जो चाहो, तुम ले लो
चाहो शूल, तो शूल मिलेंगे
चाहो फूल, तो फूल मिलेंगे
सूुई चुभाओ, तो शूल लगेंगे
फूल बांटो, तो हार पड़ेंगे
मुस्कुराहट छीनकर, शूल दर्द देता है
दर्द लेकर, फूल हंसी लौटा देता है
चाहो शूल, तुम शूल ले लो
चाहो फूल, तुम फूल ले लो
दुनियां से जो चाहो, तुम ले लो
चेतन कौशल "नूरपुरी"