28. फ़रवरी 2016 / 0 Comments सावधान रहिये # सावधान रहिये, उन लोगों से जो मूसक की भांति बिलों मे छुपे रहते हैं और समय मिलते ही भाषा, जाति, धर्म और आरक्षण व्यवस्था की आढ़ में हिंसा की आग सुलगाकर अपनी असली औकात दिखा देते हैं।* चेतन कौशल "नूरपुरी"