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# ब्रिटिश साम्राज्य हित की पोषित वर्तमान शिक्षा प्रणाली जो आज मात्र शिक्षा व्यपार केंद्र बनकर रह गई हैं, का अविलम्ब सुधार करना होगा ताकि उसके स्थान पर जनहित और राष्ट्र हित की परंपरागत भारतीय गुरुकुल शिक्षा प्रणाली आरम्भ की जा सके।* 

चेतन कौशल "नूरपुरी"