# माना जाता है कि भारत में परंपरागत भारतीय गुरुकुलों से बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा के साथ-साथ लोगों के रोग-निदान हेतु चिकित्सा भी निशुल्क की जाती थी। इसे दुर्भाग्य कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अब यह दोनों मात्र धन उपार्जन के केद्र बन कर रह गए हैं।*
चेतन कौशल "नूरपुरी"