31. मार्च 2016 / 0 Comments मानवता विघटन असम्भव है मानवता को विश्व की विभिन्न भाषाओँ में चाहे कुछ भी क्यों न कहा जाए, पर उसका अन्य कोई विकल्प, विघटन नहीं हो सकता।