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दैनिक जागरण 2 फरवरी 2006

पराधीन देश में वो घड़ी लगती अच्छी थी
स्थान स्थान पर तिरंगा फहराने को
लगाना जान की बाजी लगती अच्छी थी
आज गीत वंदे मात्रम गाने को
राष्ट्रीय गान का अपमान हो रहा क्यों
हमारे स्वाधीन भारत में
आतंकी संसद पर हमला हैं करते
हम आरपार की लड़ाई करने की हैं सोचा करते
उस पर हमला न करो वो हैं कहते
हम सेना को वापिस हैं बुलाया करते
देश की स्वतन्त्रता सुरक्षित रहेगी कैसे
हमारे स्वाधीन भारत में
राष्ट्रीय आर्थिक नीतियां बनती हैं
विश्व बैंक की अनुमति लेने से
सब्सिडी देनी या हटानी होती है
विश्व व्यापार संगठन की सहमती से
देश का आर्थिक विकास होगा कैसे
हमारे स्वाधीन भारत में
जिस गांव में परिवार की बेटी ब्याही जाती थी
उस गांव का गांव वाले जल ग्रहण नहीं करते थे
परिवार की बेटी गांव की बेटी होती थी
लोग गांव में नारी सम्मान किया करते थे
आज परिवार की बेटी को बुरी नजर से बचाएगा कौन
हमारे स्वाधीन भारत में
मठ मंदिरों की आय पर कर लगने की तैयारी हो रही
राजनीतिज्ञों द्वारा धार्मिक सत्ता को चुनौति दी जा रही
देश की सीमाएं सिकुड़ती जा रहीं
देश की सुरक्षा खतरे में घिरती जा रही
राष्ट्रीय सुरक्षा के उपायों पर राजनीति कर रहा कौन
हमारे स्वाधीन भारत में


चेतन कौशल "नूरपुरी"