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दैनिक जागरण  28 मार्च 2006 

क्या मैं समय का सदुपयोग कर रहा हूं?
क्या मैं अपना भविष्य प्रकाशमय बना रहा हूं?
विद्यार्थी हूं,
मैं विद्या ग्रहण करता हूं क्या?
समय है अनमोल,
मैं विद्या-आचरण करता हूं क्या?
विद्यार्थी जीवन में सीखना और जानना,
क्या है निश्चय अपना?
क्या पूरा होगा?
जीवन का जो है निश्चित सपना,
क्या मैं समय का मोल जानता हूं?
क्या मैं समय का प्रभाव मानता हूं?


चेतन कौशल "नूरपुरी"