6. अक्टूबर 2022 / 0 Comments मेहमान न बन चेतन आत्मोवाच 7 :-मेहमान न बन तू किसीका, रोजाना न कर तू आना जाना l मेहमान तू रहेगा नहीं, मनः बहुतों ने तो कुत्ता माना llचेतन कौशल "नूरपुरी"