दैनिक जागरण 18 नवंबर 2006
है यही तो जिंदगी संघर्ष की है जिंदगी
डगमगाना नहीं है प्रण से
विचलित नहीं होना है पथ से
आज का काम करना है आज
कल पर नहीं छोड़ना है आज
है यही तो जिंदगी संघर्ष की है जिंदगी
जिंदगी अपनी है ही क्या
भयभीत रहे मंजिल मिलेगी क्या
सामना करना है जीवन संघर्ष से
जीवन संवारना है जीवन संघर्ष से
है यही तो जिंदगी संघर्ष की है जिंदगी
आशीर्वाद बड़ों का लेकर साथ
हाथ छोेटों का भी थामकर हाथ
हर कदम बढ़ाना है मंजिल की ओर
पूर्व में देखो हो रही भोर
है यही तो जिंदगी संघर्ष की है जिंदगी
चेतन कौशल "नूरपुरी"