27. नवम्बर 2024 / 0 Comments बोल सके तो चेतन आत्मोवाच 11 :-बोल सके तो बोल तू, ज्यों टहनी से फूल झड़े l वचन बड़े कीमती हैं, मनः बिल बोलना संभल के llचेतन कौशल "नूरपुरी"