27. नवम्बर 2024 / 0 Comments कड़वी बात चेतन आत्मोवाच 12 :-फूल मुरझा जाते हैं, सदा कलि भी कलि रहती नहीं l घाव भर जाते हैं, पर मनः बात कड़वी मिटती नहीं llचेतन कौशल "नूरपुरी"