28. नवम्बर 2024 / 0 Comments समय बहता जल चेतन आत्मोवाच 15 :-समय बहता जल है, बहता ही जाता है lराही बढ़ता चल कठिनाई में, मनः बहता जाता गाता है llचेतन कौशल "नूरपुरी"