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चेतन आत्मोवाच 26 :-

झूठ, चोरी, चुगली का तू कभी न करना साथ l
उच्च जीवन नहीं बनता इनसे, मनः पीछे न मलना हाथ ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"