4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments दुखिया चेतन आत्मोवाच 27 :-दुखिया को दुःख न दे, वह तो दुःख का मारा है lमरे को मारना भला क्या ? मनः उसका नहीं कोई सहारा है llचेतन कौशल "नूरपुरी"