4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments लूट सके तो चेतन आत्मोवाच 38 :-लूट सके तो लूट ले तू, भरा है ज्ञान का भंडार lहै प्रकृति अमोल खजाना, मनः कर ले तू उससे प्यार llचेतन कौशल "नूरपुरी"