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दैनिक जागरण 19 जनवरी 2007 

हम मानव संसार के राही
लगने न देंगे मानवता पर स्याही
उठने न पाएगा अज्ञान हाथी
सबके रक्षक सेवक साथी
हम तो हैं भले मर्मान्तक
सेवा हेतु हमें कोई न आंतक
हम मानव संसार के राही
लगने न देंगे मानवता पर स्याही
हम सब अपने हृदय के दीक्षक
सुख रहे दुख के चिकित्सक
रावण कंस नाम फिर न होगा विख्यात
राम कृष्ण नामों पर होगा प्रयास
हम मानव संसार के राही
लगने न देंगे मानवता पर स्याही


चेतन कौशल "नूरपुरी"