10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments शूल-अंगार चेतन आत्मोवाच 58 :-बढ़ा दिए तूने कदम तो सहन कर शूल-अंगार भी lमन बड़ा अड़ियल घोड़ा मनः भर थोड़ी सी हुंकार भी llचेतन कौशल "नूरपुरी"