12. दिसम्बर 2024 / 0 Comments बुरे दिन चेतन आत्मोवाच 71 :-गीदड़ की मौत आती है, उसे गाँव की राह भाती है lबुरे दिन आते हैं, मनः बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है llचेतन कौशल "नूरपुरी"