Author Image
चेतन आत्मोवाच 71 :-

गीदड़ की मौत आती है, उसे गाँव की राह भाती है l
बुरे दिन आते हैं, मनः बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"