12. दिसम्बर 2024 / 0 Comments प्रेम चेतन आत्मोवाच 73 :-बिना दर्द के जो होता है, वह होता है प्रेम नहीं lदर्द नहीं होता जिसमें, मनः होता है वह प्रेम नहीं llचेतन कौशल "नूरपुरी"