11. दिसम्बर 2024 / 0 Comments सदाचार चेतन आत्मोवाच 66 :-मुसीबत में करते जो आह नहीं, बुझने नहीं देते जो योगाग्नि को lसदाचार होता है संग उनके, मनः सतगुरु पार भव सागर ले जाने को llचेतन कौशल "नूरपुरी"
11. दिसम्बर 2024 / 0 Comments मेहनत चेतन आत्मोवाच 65 :-कली बनता गुल, गुल खिलता है काँटों में lअभ्यास बनता है मेहनत, मनः होती नहीं मेहनत बातों में llचेतन कौशल "नूरपुरी"
11. दिसम्बर 2024 / 0 Comments अक्कल का गुल चेतन आत्मोवाच 64 :-महंदी रंग लाती है पत्थर पर घिसने के बाद lअक्कल का गुल खिलता है, मनः ठोकर खाने के बाद llचेतन कौशल "नूरपुरी"
11. दिसम्बर 2024 / 0 Comments भेंट देने के बाद चेतन आत्मोवाच 63 :-कुछ मिलता है, भेंट देने के बाद lतोडना पड़ता है नाता, मनः भुलानी पड़ती है याद llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments जीवन आधार चेतन आत्मोवाच 62 :-शुद्ध आचार, शुद्ध आहार lजीवन आधार, मनः शुद्ध व्यवहार ll चेतन कौशल "नूरपुरी"