10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments विकारी मन चेतन आत्मोवाच 61 :-विकारी कमजोर मन कभी सुमिरन काम न कर पाए lरंग बदले गिरगिट सम, मनः रंग एक आये, एक जाये llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments भारतीय नारी चेतन आत्मोवाच 60 :-कर्म करती चक्की सम, देखी मैंने भारतीय नारी है lभैंसे सम पीटता है क्यों ? मनः तेरी खो गई अक्कल सारी है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments चैन की वंशी चेतन आत्मोवाच 59 :-चैन की बंशी बजेगी, जब भ्रष्टाचार का होगा दूर अँधेरा lसदाचार का पालन करेगा बच्चा-बच्चा, मनः होगा फिर नया सवेरा llचेतन कैशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments शूल-अंगार चेतन आत्मोवाच 58 :-बढ़ा दिए तूने कदम तो सहन कर शूल-अंगार भी lमन बड़ा अड़ियल घोड़ा मनः भर थोड़ी सी हुंकार भी llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments जाति चेतन आत्मोवाच 57 :-कौन सी जाति ? क्या है जाति ? है नहीं इससे तेरा कोई वास्ता lहै हर एक बन्दा खुदा का बन्दा , मनः है यही प्रेम का रास्ता llचेतन कौशल "नूरपुरी"