4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments मेहनत चेतन आत्मोवाच 34 :-मेहनत घर का मान है, मेहनत ही है शान lप्राण है मेहनत अपनी, मनः मेहनत ही है भगवान llचेतन कौशल "नूरपुरी"
4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments दीवाने चेतन आत्मोवाच 33 :-धन, बल, योवन के दीवाने ! इनके पीछे भागो मत lपरिणाम निकला भयानक इनसे , मनः है यही सच्च llचेतन कौशल "नूरपुरी"
4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments दुःख चेतन आत्मोवाच 32 :-दुःख अपना सुनाना मत, हंसी उड़ाती है दुनियां lदुःख सुनना तू चाहे सबके, मनः राहत पाती है दुनियां llचेतन कौशल "नूरपुरी"
4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments घृणा चेतन आत्मोवाच 31 :-कर घृणा नीच विचारों से, मगर इन्सान से नहीं lकरके घृणा इन्सान से, मनः पा सकता तू भगवान नहीं llचेतन कौशल "नूरपुरी"
4. दिसम्बर 2024 / 0 Comments मिट्टी का खिलौना चेतन आत्मोवाच 30 :-मिट्टी का खिलौना है तू, पर ये तो भूल गया है lहड्डी, लकड़ी, कोयला यहाँ, मनः सब धूल बन गया है llचेतन कौशल "नूरपुरी"