अनमोल वचन :-# अच्छा स्वास्थ्य एवंम अच्छी समझ जीवन में दो सर्वोत्तम वरदान है l *
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मानवता सेवा की गतिविधियाँ
25 जनवरी 2009 कश्मीर टाइम्स
गूंज रही नभ में तान, क्षणिक जीवन नाटक सकल जहान,
थोथा नहीं, अन्तरतम में वास करती, कुटिलाई का पवित्रता नाश,
हम नहीं नायक, समय हमारा, पल-पल बीत रहा जीवन सारा,
गूंज रही नभ में तान, क्षणिक जीवन नाटक सकल जहान,
आज तक क्या कर लिया, आगे क्या कर लोगे?
अब तक झगड़ लिया, आगे लड़कर क्या कर लोगे?
स्पष्ट कर दो अरमान, क्या तुम्हारा कोई ध्येय है?
या जीवन में पगपग पर पानी पराजय है?
गूंज रही नभ में तान, क्षणिक जीवन नाटक सकल जहान,
चेतन कौशल "नूरपुरी"
18 जनवरी 2009 कश्मीर टाइम्स
होगा फिर न्याय, बस न्याय होगा
नहीं तो और कुछ न होगा,
मांगनी नहीं स्वत्वों की भिक्षा,
मिली है हृदय जन्य की शिक्षा,
करना है मानवधर्म का सृजन,
सुलझेगा पेचीदा सदियों का प्रश्न,
होगी खुशहाली, बस न्याय होगा,
नहीं तो और कुछ न होगा,
खून शेर दौड़ता है निज शिराओं में,
होते गीदड़ न बसते शहरों में,
बपुरा चिरकाल फंसा विपत्ति,
तड़पता कारागार पाँवर की तृप्ति,
परहित त्राण, बस न्याय होगा,
नहीं तो और कुछ न होगा,
प्रचलन रहा, हमेशा जहां रिश्वत का,
आरक्षण का और सिफारिश का,
कंचन कांति योग्यता ने तोड़े दम,
जो है गहरा गर्त, जानते है हम,
प्रगति द्वंद नहीं, बस न्याय होगा,
नहीं तो और कुछ न होगा,
नहीं खेलेंगे, हम अब खून की होली,
चलेगी मिलकर, हम सब जन की टोली,
चाहे बध हो हमारा, न होगा प्रयाण,
क्षीणहीन का करेंगे कल्याण,
घातक आभाव न्याय, बस न्याय होगा,
नहीं तो और कुछ न होगा,
चेतन कौशल "नूरपुरी"