मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ

पुरालेख (page 160 of 164)

सर्वोत्तम वरदान

अनमोल वचन :-# अच्छा स्वास्थ्य एवंम अच्छी समझ जीवन में दो सर्वोत्तम वरदान है l *
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आचरण शुद्धता

अनमोल वचन :-# आचरण की शुद्धता ही व्यक्ति को प्रखर बनाती है l*
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अनीति मार्ग

अनमोल वचन :-# अनीति के रास्ते पर चलने वाले का बीच राह में ही पतन हो जाता है l*
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व्यक्ति परिचय

अनमोल वचन :-# दो चीजें आपका परिचय कराती हैं : आपका धैर्य, जब आपके पास कुछ भी न हो और...
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प्रभु की समीपता

अनमोल वचन :-# धर्यता और विनम्रता नामक दो गुणों से व्यक्ति की ईश्वर से समीपता बनी रहती है l*
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उच्च विचार

अनमोल वचन :-# दिनरात अपने मस्तिष्क को उच्चकोटि के विचारों से भरो जो फल प्राप्त होगा वह निश्चित ही अनोखा...
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मुस्कराना

अनमोल वचन :-# मुस्कराना, संतुष्टता की निशानी है इसलिए सदा मुस्कराते रहो l*
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प्रभु कृपा

अनमोल वचन :-# सच्चाई, सात्विकता और सरलता के बिना भगवान् की कृपा कदापि प्राप्त नहीं की जा सकती l*
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जीवन महत्व

अनमोल वचन :-# आप अपने जीवन का महत्व समझकर चलो तो दूसरे भी महत्व देंगे l*
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जीवन महत्व

अनमोल वचन :-# आप अपने जीवन का महत्व समझकर चलो तो दूसरे भी महत्व देंगे l*
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विद्यालय

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दैनिक जागरण 20 मार्च 2006 

विद्यालय में ज्ञान बीज का रोपण होता है
वहां विद्यार्थी होता है किसी अंकुर से कम नहीं
गुरु से विद्यार्थी पौध का पोषण होता है
वहां गुरु होता है किसी किसान से कम नहीं
विद्यालय में राजनीति की पैदा होती है नर्सरी
खेती करने का वह कोई स्थान नहीं है
राष्ट्र ने विद्यालय से पौध प्राप्त है करनी
पेड़ लगाने का वह कोई स्थान नहीं है


चेतन कौशल "नूरपुरी"

स्वदेशी

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दैनिक जागरण 25 फरवरी 2006

देश है प्यारा अपना स्वदेशी
रहना है नित प्यारे स्वदेश
जीना मरना लगे प्यारा स्वदेशी
प्यार हुआ है संग प्यारे स्वदेष
पा लेना है ज्ञान विदेशी
भूल नहीं जाना है स्वदेश
स्वदेश से नहीं प्यारे प्राण स्वदेशी
स्वर्ग से भी प्यारा है स्वदेश
उत्पादन बढ़ाना है देशी स्वदेशी
पहुंचाना है उसे देश विदेश
मुद्रा अर्जित करना देशी विदेशी
चिड़िया सोने की फिर बनाना है स्वदेश
कभी नीयत खराब न करना स्वदेशी
चाहे बाधाएं आएं अनेक देश विदेश
मुहं तोड़ एक उत्तर देना स्वदेशी
गूंज पड़े जिसकी देश विदेश
असीमित धन सम्पदा हो देशी विदेशी
जरूरतमंद तक पहुंचाना है देश विदेश
चाहे लाख षड्यंत्र करे कोई देशी विदेशी
प्रभावित नहीं होने देनी है संस्कृति स्वदेश
सभ्यता संस्कृति विचित्र है स्वदेशी
मची धूम मची रहे देश विदेश
उठ जाग जागते रहना है स्वदेशी
ना जाग उठे जब तलक देश विदेश


चेतन कौशल "नूरपुरी"

स्वाधीन भारत

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दैनिक जागरण 2 फरवरी 2006

पराधीन देश में वो घड़ी लगती अच्छी थी
स्थान स्थान पर तिरंगा फहराने को
लगाना जान की बाजी लगती अच्छी थी
आज गीत वंदे मात्रम गाने को
राष्ट्रीय गान का अपमान हो रहा क्यों
हमारे स्वाधीन भारत में
आतंकी संसद पर हमला हैं करते
हम आरपार की लड़ाई करने की हैं सोचा करते
उस पर हमला न करो वो हैं कहते
हम सेना को वापिस हैं बुलाया करते
देश की स्वतन्त्रता सुरक्षित रहेगी कैसे
हमारे स्वाधीन भारत में
राष्ट्रीय आर्थिक नीतियां बनती हैं
विश्व बैंक की अनुमति लेने से
सब्सिडी देनी या हटानी होती है
विश्व व्यापार संगठन की सहमती से
देश का आर्थिक विकास होगा कैसे
हमारे स्वाधीन भारत में
जिस गांव में परिवार की बेटी ब्याही जाती थी
उस गांव का गांव वाले जल ग्रहण नहीं करते थे
परिवार की बेटी गांव की बेटी होती थी
लोग गांव में नारी सम्मान किया करते थे
आज परिवार की बेटी को बुरी नजर से बचाएगा कौन
हमारे स्वाधीन भारत में
मठ मंदिरों की आय पर कर लगने की तैयारी हो रही
राजनीतिज्ञों द्वारा धार्मिक सत्ता को चुनौति दी जा रही
देश की सीमाएं सिकुड़ती जा रहीं
देश की सुरक्षा खतरे में घिरती जा रही
राष्ट्रीय सुरक्षा के उपायों पर राजनीति कर रहा कौन
हमारे स्वाधीन भारत में


चेतन कौशल "नूरपुरी"

देख सके तो

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दैनिक जागरण 8 जनवरी 2006 

स्वामी सबका ईश्वर है प्राणी हैं अनेक
जीवन सबका समान है देख सके तो मन से देख
नारी सबकी जननी है माताएं हैं अनेक
बच्चे सबके समान हैं देख सके तो मन से देख
ज्ञान जननी बुद्धि है मस्तिष्क हैं अनेक
आत्म ज्ञान समान है देख सके तो मन से देख
खून सबका लाल है विचार हैं अनेक
प्रेम से सब समान हैं देख सके तो मन से देख
जाति सबकी मानव है नरनारी हैं अनेक
जन्म से सब समान हैं देख सके तो मन से देख
धर्म सबका मानवता है सम्प्रदाय हैं अनेक
अपने पराए सब समान हैं देख सके तो मन से देख
धरती सबकी सांझी है परंपराएं हैं अनेक
मिलकर सब समान हैं देख सके ता मन से देख


चेतन कौशल "नूरपुरी"

चेतना

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सेवा जो कर न सके
वह तन है किस काम का
नाम जो जाप न सके
वह मन है किस काम का
कार्य जो सिद्ध कर न सके
वह धन है किस काम का
सन्मार्ग जो दिखा न सके
वह ज्ञान है किस काम का
जीवनरस जो भर न सके
वह धर्म है किस काम का
मानवसृजन जो कर न सके
वह दाम्पत्य है किस काम का


चेतन कौशल "नूरपुरी"
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