मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ

पुरालेख (page 33 of 164)

सर्वोत्तम वरदान

अनमोल वचन :-# अच्छा स्वास्थ्य एवंम अच्छी समझ जीवन में दो सर्वोत्तम वरदान है l *
Read More

आचरण शुद्धता

अनमोल वचन :-# आचरण की शुद्धता ही व्यक्ति को प्रखर बनाती है l*
Read More

अनीति मार्ग

अनमोल वचन :-# अनीति के रास्ते पर चलने वाले का बीच राह में ही पतन हो जाता है l*
Read More

व्यक्ति परिचय

अनमोल वचन :-# दो चीजें आपका परिचय कराती हैं : आपका धैर्य, जब आपके पास कुछ भी न हो और...
Read More

प्रभु की समीपता

अनमोल वचन :-# धर्यता और विनम्रता नामक दो गुणों से व्यक्ति की ईश्वर से समीपता बनी रहती है l*
Read More

उच्च विचार

अनमोल वचन :-# दिनरात अपने मस्तिष्क को उच्चकोटि के विचारों से भरो जो फल प्राप्त होगा वह निश्चित ही अनोखा...
Read More

मुस्कराना

अनमोल वचन :-# मुस्कराना, संतुष्टता की निशानी है इसलिए सदा मुस्कराते रहो l*
Read More

प्रभु कृपा

अनमोल वचन :-# सच्चाई, सात्विकता और सरलता के बिना भगवान् की कृपा कदापि प्राप्त नहीं की जा सकती l*
Read More

जीवन महत्व

अनमोल वचन :-# आप अपने जीवन का महत्व समझकर चलो तो दूसरे भी महत्व देंगे l*
Read More

जीवन महत्व

अनमोल वचन :-# आप अपने जीवन का महत्व समझकर चलो तो दूसरे भी महत्व देंगे l*
Read More

वर्ण व्यवस्था

Author Image
# वर्ण व्यवस्था में चारों वर्ण एक दूसरे के पूरक हैं, कोई छोटा-बड़ा या छूत-अछूत नहीं है, जिसे विश्वास न हो उसे मुगल आगमन से पूर्व भारत का प्राचीन इतिहास पढ़ना चाहिए। * 

गुरु

Author Image


# विद्यार्थी को तराशकर एक योग्य ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र कोई बना सकता है तो वह गुरु ही हो सकता है l*

प्रार्थना

Author Image

# प्रार्थना मन से होनी चाहिए, वाणी से नहीं। वाणी में प्रार्थना हो और मन कहीं ओर हो तो उस प्रार्थना से क्या लाभ !

मतदान के प्रति मतदाता की जागरूकता

Author Image
from चेतन लेख माला
धन्यवाद जी! संपादक मंडल, मातृवंदना संस्थान, शिमला, हिमाचल प्रदेश। मातृवंदना नवंबर 2022

1 जागरूक मतदाता :-
जो मतदाता भारत का नागरिक हो l जो आचार संहिता लगने तक संपूर्ण 18 वर्ष का हो गया हो l जो उस निर्वाचन क्षेत्र का निवासी हो जहाँ उसका पहली बार नाम अंकित होना हो, मतदान की योग्यता रखता है l लोक तांत्रिक देश भारत में 18 वर्ष से ऊपर के हर किशोर/युवा को संवैधानिक रूप से अपना मतदान करने का अधिकार प्राप्त है l निर्वाचन काल में वह मतदाता बनकर अपने मतदान से अपनी पसंद के प्रत्याशी की हो रही हार को भी अपने एक मत से उसकी जीत में परिवर्तित कर सकता है, ऐसी अपार क्षमता रखने वाले उसके मत को बहुमूल्य कहा जाता है l 1996 में माननीय अटल विहारी वाजपेयी जी की केन्द्रीय सरकार थी जिसे मात्र एक मत कम मिलने के कारण हार का सामना करना पड़ा था l हर लोकतान्त्रिक देश में किसी नेता, दल या दल की विचारधारा को लेकर उसके बारे में मतदाता की जो अपनी राय या मत होता है, उसे उसका मतदान के समय उपयोग अवश्य करना होता है l मतदाता जागरुक होना चाहिए ताकि जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए मजबूत लोकतंत्र की स्थापना को बल मिल सके l
2 मताधिकार का प्रयोग :-
छब्बीस जनवरी 1950 के दिन भारत में भारत के संविधान को स्वीकृति मिली थी l उसे पूर्ण रूप से लागु किया गया था l तब से लेकर अब तक मतदाता के द्वारा मतदान करने का अपना बहुत बड़ा महत्व है l मतदाता मतदान करके अपने पसंद का प्रत्याशी चुनता है l उसके द्वारा चुना हुआ प्रत्याशी अन्य क्षेत्रों से चुने गये प्रत्याशियों के साथ आगे चलकर स्थानीय निकाएं – ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, नगर पालिका, जिला परिषद् का ही नहीं, विधान सभा और लोक सभा का भी गठन में भी साह्भागी बनता है और सरकार बनाता है l
इस व्यवस्था की प्रक्रिया से सरकार द्वारा जो योजनायें बनाई जाती हैं, उन्हें साकार करने हेतु प्रारंभ किये गये जनहित विकास कार्यों का लाभ व सुविधाएँ जन-जन तक पहुंचाई जाती हैं l इसलिए मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए - क्योंकि यह केवल अधिकार ही नहीं, उसका कर्तव्य भी है l
3 गोपनीयता :-
देश में राजनीति से संबंधित वर्तमान में अनेकों विचार धाराएँ विद्यमान हैं l देखा जाये तो सभी विचार धाराओं के अपने-अपने दल और उनके विभिन्न उद्देश्य हैं l पर उनमें कुछ एक नेता निजहित, परिवार हित, दलहित की दलदल की राजनीति में ही धंसे हुए हैं l उन्हें जनहित, क्षेत्रहित, प्रांतहित, राष्ट्रहित और मानवता की भलाई कुछ भी दिखाई नहीं देती है l या तो उन्हें राजनीति की दलदल से बाहर निकलने का कोई मार्ग/सहारा नहीं मिलता है, या फिर वे उससे बाहर ही निकलना नहीं चाहते हैं l इस दौरान उन्हें जो मार्ग/सहारा मिलता भी है तो वह मार्ग पहले ही दलदल से भरा हुआ होता है या सहारा उस दलदल में धंसा हुआ मिलता है, जो उसे बाहर निकलने/निकालने में असमर्थ होता है l
निर्वाचन की व्यार चलते समय भारतीय राजनेता/राजनीतिक दल जनता को अपनी ओर आकर्षित करने हेतु मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त धन - मदिरा-मास, मासिक युवा बे-रोजगारी भत्ता, रोजगार देने, गरीबी दूर करने, सुशासन देने जैसे लुभावने तरह-तरह के प्रलोभन दिखाते हैं, उन्हें तो मात्र किसी तरह सत्ता की प्राप्ती करनी होती है, जनहित, देशहित किसने, कब देखा है ? निर्वाचन काल में उनके द्वारा किये जाने वाली घोषनाएँ /वायदे अथवा किये जाने वाले कार्य मात्र जनता को प्रलोभन दिखाकर मुर्ख बनाना होता है l
मतदान के दो प्रकार :- मतदान का पहला प्रकार सबसे अच्छा चुनाव वह होता है जो निर्विरोध एवं सर्व सम्मति से सम्पन्न होता है l इसमें प्रति स्पर्धा के लिए कोई स्थान नहीं होता है और दूसरा जो मतपेटी में प्रत्याशी के समर्थन में उसके चुनाव चिन्ह पर अपनी ओर से चिन्हित की गई पर्ची डालकर या ईवीएम मशीन से किसी मनचाहे प्रत्याशी के पक्ष में, चुनाव चिन्ह का बटन दबाकर अपना समर्थन प्रकट किया जाता है, मतदान कहलाता है l लेकिन प्रतिस्पर्धा मात्र पक्ष-विपक्ष दो ही प्रत्याशी प्रतिद्वद्वियों में अच्छी होती है जिसमे अधिक अंक लेने वाले की जीत और कम अंक लेने वाले की हार निश्चित होती है l
समय या असमय देखा गया है कि विधायक चुनी हुई सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेते हैं परिणाम स्वरूप सरकार गिर जाती है l अगर विधायक को अपना समर्थन वापस लेने का अधिकार है तो मतदाताओं को भी उस विधायक से अपना मत वापस लेने का अधिकार होना चाहिए ताकि वो कभी बिकने का दुस्साहस न कर सके l मतदाता के द्वारा सदैव बिना किसी भय, बिना किसी दबाव, बिना किसी लोभ, अपनी इच्छा और पसंद के, सर्व कल्याणकारी विचार धारा को मध्यनजर रखते हुए, बिना किसी व्यक्ति को बताये अपना गुप्त मतदान करना चाहिए l मतदाता के पास अपना बहुमूल्य मत होता है जिससे वह समाज विरोधी विचारधारा को हराकर, राष्ट्रवादी विचारधारा को विजय दिला सकता है l आगे भेज सकता है और उससे एक अच्छी सरकार की आशा भी कर सकता है l अन्यथा उस बेचारे मतदाता को पांच वर्ष तक अधर्म, अन्याय, अनीति और असत्य का सामना करना पड़ता है l
4 शत प्रतिशत मतदान :-
“मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं लहर नहीं, पहले व्यक्ति देखूंगा l मैं प्रचार नहीं, छवि देखूंगा l मैं धर्म नहीं, विजन देखूंगा l मैं दावे नहीं, समझ देखूंगा l मैं नाम नहीं, नियत देखूंगा l मैं प्रत्याशी की प्रतिभा देखूंगा l मैं पार्टी को नहीं, प्रत्याशी को देखूंगा l मैं किसी प्रलोभन में नहीं आऊंगा l” इस तरह मतदाता का स्वयं जागरूक होना या दूसरों को जागरूक करना परम आवश्यक है और स्वभाविक भी l
इसी माह 12 नवंबर को प्रदेश में लोक सभा के चुनाव होने हैं l सभी नर-नारी, युवा और वृद्ध शत-प्रतिशत लोक-सभा मतदान करने की प्रतिज्ञा करें l कोई भी 18 वर्ष की आयु से ऊपर वाला युवा जो वैधानिक दृष्टि से मतदान करने का अधिकारी बन चुका है, मतदान से वंचित नहीं रहना चाहिए l

1 31 32 33 34 35 164